पूरे यूरोप में मुख्य रूप से सुअर और बछड़े का गोश्त ही खाया जाता था. सभी इमारतें अच्छी स्थिति में नहीं हैं और स्थानीय लोगों के मुताबिक मिल की इमारतें बहुत जल्दी नज़र नहीं आएंगी. It is also a big question for scientists because the sun is too hot like the fireballs Scientists have imagined going with this rocket on this planet, but the temperature around this planet is very high, due to which it is not so easy to go around it. अगर वे कम किराया देते तभी फ़ायदा बढ़ेगा. इसका ताल्लुक़ आर्थिक और सामाजिक स्तर से भी जुड़ा था.
इसकी पहली मंज़िल पर ए-ला-कार्ट रेस्टोरेंट है. लोग छुट्टियों का जश्न घर से बाहर निकल कर मनाते हैं. यहां के दुकानदार मालिक चाइनीज़ हैं, जिनकी शिकायत ये है कि इलाके के रेंट बढ़ गए हैं. करीब आठ सौ मीटर के इलाके में सड़क के दोनों तरफ़ अरबी, तुर्की, लेबनानी और पाकिस्तानी भोजन की खुशबू दूर तक महसूस की जा सकती है. ऐसे में एक शाकाहारी रेस्टोरेंट का इतने बड़े पैमाने पर सिक्का जमाना अपने आप में बड़ी बात है. But due to the high temperature of the Sun, it has not been achieved.
चाइना टाउन दुनिया के कई कास्मोपॉलिटन शहर की तरह ही मैनचेस्टर का अपना चाइना टाउन है. लिहाज़ा 1973 में हाइंज़ हिल्ट ने रेस्टोरेंट में एक नया कॉन्सेप्ट लॉन्च किया. शाकाहारी खानों में लोग तरह-तरह के तजुर्बे करने लगे थे. किसी restaurant के लिए शेफ की कितनी importance है? मैंने सोचा शायद बस ये इसी restaurant के लिए हो, पर पता चला कि नहीं अच्छे-खासे होटलों में भी यही हाल है। सौरभ जी ने बताया इसकी वजह है कि हमारे समाज में वेटर के काम को छोटा काम समझा जाता है। अगर आप manager के लिए vacancy निकालिए तो 100 लोग आ जायेंगे लेकिन अगर आप waiter के लिए वैकेंसी निकालेंगे तो एक्का-दुक्का लोग ही आयेंगे! इन रोबोट्स में 17 तरह के सेंसर हैं जो कि आस पास के वातावरण की गर्मी, धुंआ, और लोगों को भी सेंस कर लेते हैं. वहीं, ठाणे नगर निगम ने शहर में लगातार बारिश को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए हैं.
ये वो कास्ट है जो आपको हर महीने bear करनी ही पड़ेगी चाहे आप दुकान खोलें या ना खोलें। इसके आलावा हर महीने होने वाले खर्चे variable cost में आ जायेंगे। Cushion Amount: आम तौर पे आप जितना सोचेंगे उससे 20 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च होगा। इसलिए आप अपने allocation का एक हिस्सा इस हेड में भी रखें। आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपको ये हिस्सा छूना ना पड़े। Step 3 : Set Target Dates अब आप अपने माइंड में एक डेट सेट कर लीजिये कि आपको किस दिन restaurant खोलना है और इस हिसाब से काम में जुट जाइए। Step 4 : एग्जीक्यूशन अब आपको एक साथ कई चीजें करनी पडेंगी… हर एक औंट्राप्रेनेयोर को करनी पड़ती हैं! From small insects to other animals, all need Sun. हौस हिल्ट ज़्यूरिख़ का सबसे मशहूर और खाने के शौक़ीनों का पसंदीदा रेस्टोरेंट है. पीले बसों का बेड़ा स्टेशन के बाहर इंतज़ार में है और प्लेकार्ड पर ये भी लिखा है फ्री बस राइड. डॉक्टरों ने कहा कि अगर उसे ज़्यादा दिनों तक जीना है तो गोश्त खाना छोड़ना होगा. कॉटन मिल्स की कई इमारतें शानदार थीं, जिनमें से अधिकांश को आधुनिक रूप दे दिया गया है, जबकि कुछ के अवशेष अभी भी मौजूद हैं. यहां खाने के इंतज़ाम के साथ-साथ कुकिग की ढेरों किताबें भी मौजूद हैं.
यहां शाकाहारी खाने के शौक़ीन और प्रोफ़ेशनल शेफ़ शाकाहारी डिश बनाना सीखते हैं. नूडल्स, सूप, चावल और कोई मुख्य भोजन आपको 15 पाउंड तक में मिल जाएगी. Yes, that sounds to be a crazy idea but is it really possible? ये बात 1890 की है. इसके बाद लोगों का रुझान पौष्टिक खाने की ओर झुकने लगा और हिल्ट रेस्टोरेंट में लोगों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई. इमेज कॉपीरइट Haus Hiltl 2015 में हौस हिल्ट के ही पांचवीं मंज़िल पर द हिल्ट अकादेमी खोली गई. और फिर रेस्टोरेंट का नाम बदलकर हौस हिल्ट कर दिया. अब मुझे इस बात की खुशी है कि भारतीय रेस्त्रां का भी नाम हो रहा है.
क्रिकेट और मुफ्त यात्रा मैनचेस्टर में दुनिया भर से क्रिकेट फैंस पहुंच रहे हैं, स्टेशन से बाहर निकलते ही उन्हें सरप्राइज़ मिलता है. लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई, विकास होता गया, हौस हिल्ट का और विस्तार हो गया. . कुछ रेस्टोरेंट ऐसे हैं जो इतिहास बन गए. मैं यहीं एक अंग्रेज जोड़े से मिला जो यहां धीमी आंच पर भूने गए बत्तख खाने के लिए आए हैं. तब से अब तक इस परिवार की ना जाने कितनी पीढ़ियां अपने पुरखों की विरासत संभालते हुए कामयाबी से आगे बढ़ रही हैं. Hello, friends ever thought of flying towards the sun? मैनचेस्टर के यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र भी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं.
यहां तक कि जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई स्विट्ज़रलैंड गए, तो उन्होंने भी यहां भारतीय खानों का लुत्फ़ लिया. ये रेस्टोरेंट बहुत ही ख़स्ताहाल था. हालांकि शुरूआती दौर में इस रेस्टोरेंट को चलाने में काफ़ी दिक़्कत हुई थी. यहां ना केवल भारतीय लोग आते हैं बल्कि मध्य पूर्व के देशों के लोग भी यहां आते हैं. ये रोबोट लोगों को खाना सर्व करते हैं हुए पूछते हैं 'आपण माने खुशी तो. मैंने होटलों में बर्तन मांजे, एक सप्ताह तक कार में सोया और फिर वापसी की. Image caption मैनचेस्टर में देवांग गोहिल भारतीय रेस्त्रां चलाते हैं इसके मालिक देवांग गोहिल ने यहां तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष किया है.
सौरभ जी ने पहले अपना restaurant जहाँ शुरू किया था वहां नए कस्टमर्स का अधिक foot fall न होने के कारण वो अभी तक प्रॉफिट में नहीं आ पाए हैं। और उन्हें हर महीने इसे रन करने के लिए २० हज़ार रुपये अपनी जेब से लगाने पड़ रहे हैं।इसी महीने, December 2015 में उन्होंने अपना restaurant एक better market place में शिफ्ट किया है, जहाँ राह चलते लोग restaurant देखकर उनके पास पहुँच रहे हैं। अगर आप अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहते हैं तो इस को ध्यान से देखिये,इसमें दिखाई गयी हर चीज किसी न किसी business requirement की तरफ इशारा करती है! बाज़ार में बहुत तरह के रेस्टोरेंट की बहार सी आ गई. इनमें आलू और जड़ वाली सब्ज़ियां शामिल होती थीं. इस रेस्टोरेंट को बुधवार को खोला गया है. एब्सटिनेन्स नाम का सिर्फ़ एक ही रेस्टोरेंट था, जहां सब्ज़ियों के कुछ पकवान मिला करते थे. उन्हें घास-फूस खाने वाला कहकर चिढ़ाया जाता था. अब न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलेस जैसी जगहों पर भी फ़्लैगशिप रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी है. बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप कर सकते हैं.